Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2021 · 1 min read

जनसंख्या

बढ़ेगी जब जनसंख्या अच्छे दिन कैसे आयेंगे।
होगे जब दस दस बच्चे,फिर बुरे दिन तो आयेंगे।।

बढ़ रही जनसंख्या कैसे नियंत्रण कर पाओगे।
हुआ न नियंत्रण,देश का विकास न कर पाओगे।।

पड़ी है बेड़ियां जनसंख्या की भारत मां के पैरो में।
चलता रहा देश ऐसा,रोड़ी चुभेगी मां के पैरो मे।।

बढ़ेगी जनसंख्या देश की,ये विकास रुक जाएगा।
रोकी नहीं आबादी,देश गड्ढे मे तुरंत गिर जाएगा।।

बच्चे ज्यादा होगे तो जरुरते कैसे होगी पूरी।
कम बच्चो वालो की भी जरुरते न होती पूरी।।

बहती थी जहां दूध की नदिया पानी के लिए तरस रहा है।
एक बोतल शुद्ध पानी के लिए बन्दा अब तरस रहा है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
सन्तानों  ने  दर्द   के , लगा   दिए    पैबंद ।
सन्तानों ने दर्द के , लगा दिए पैबंद ।
sushil sarna
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
Ritu Asooja
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
Radhakishan R. Mundhra
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
चली ⛈️सावन की डोर➰
चली ⛈️सावन की डोर➰
डॉ० रोहित कौशिक
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
आर.एस. 'प्रीतम'
✍️ D. K 27 june 2023
✍️ D. K 27 june 2023
The_dk_poetry
2706.*पूर्णिका*
2706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
अजीब हालत है मेरे दिल की
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
Ravi Prakash
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
तू भूल जा उसको
तू भूल जा उसको
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अपराध बोध (लघुकथा)
अपराध बोध (लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
पढ़ना जरूर
पढ़ना जरूर
पूर्वार्थ
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...