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30 Aug 2023 · 1 min read

चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।

चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
जले स्वयं का फिर क्यों रोना, नीति दोगली कीचड़-सम।।
ख़ून दूसरों का चूस रहा, इंसान नहीं वह ‘प्रीतम’।
सत्य कहूँ मैं मत मान बुरा, वह है सच में चीचड़-सम।।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

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