– जनसंख्या
बढ़ती यह जनसंख्या
पैदा कर रही अगिनत समस्या
बेरोजगारी और भुखमरी
साथ में माहमारी सुरसा भांति
मुंह खोल कर रहती खड़ी
स्वार्थी हो रहा इंसान
सबको अपनी-अपनी पड़ी
रोज जंगल कर साफ
महल बनाएं जाते हैं
प्रकृति से बेपरवाह
प्रदूषण फैलाते जाते हैं
अब भी देश में है
अज्ञानता और अशिक्षा के
चलते बेटे की चाहत में
जनसंख्या की वृद्धि करता
फिर धरा पर बढ़ता बोझ
मानव पढ़ लिख कुछ तो सोच
जनसंख्या वृद्धि को रोक
हम दो हमारे दो सिद्ध कर
जग जीवन को स्वर्ग बना।
-सीमा गुप्ता, अलवर