जग में बंदा नेक चाहिए
प्यार और विश्वास चाहिए, जग में बंदा नेक चाहिए
न जातिवाद के भेद चाहिए, धर्म में न तकरार चाहिए
नहीं युद्ध उन्माद चाहिए, दुनिया को अब अमन चाहिए
शांति और सद्भाव चाहिए, पीड़ाओं का दमन चाहिए
शस्त्र नहीं अब शास्त्र चाहिए, अंतस का प्रकाश चाहिए
मानवता के लिए समर्पित, खुला खुला आकाश चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी