जग कल्याणी
माता रानी जग कल्याणी है जगत जननी दुष्ट संघारी ।।
माईया कि चुनरी लाल माईया का अद्भुत श्रृंगार माईया का नेह दुलार युग संसार ।।
मईया का दर दरबार शक्ति सरकार माईया आशीर्वाद जीव जगत कल्याण ।।
मईया सुख सबृद्धकारी तू प्रलयंकारी माता रानी अभ्यंकारी जग तेरा ही उपकार।।
जब जब दुःख क्लेश कष्ट भक्त पर आवे मईया दौड़ी आए मईया दुःख कष्ट निवारिणी जग मईया का दुलार।।
मईया प्राणी तेरी संतान तू ब्रह्म ब्रह्मांड तेरी महिमा अपरंपार मातारानी जग कल्याणी जग जननी दुष्ट संघारी।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।