“जंग जीतने के लिए”
“जंग जीतने के लिए”
मंजिल की राह में रोड़ा बनकर
कंगाल दिमाग बिछाता है दूरी,
जबकि जंग जीतने के लिए
कृतज्ञ रहकर उम्मीदों के पंख से
उड़ना होता है जरूरी।
“जंग जीतने के लिए”
मंजिल की राह में रोड़ा बनकर
कंगाल दिमाग बिछाता है दूरी,
जबकि जंग जीतने के लिए
कृतज्ञ रहकर उम्मीदों के पंख से
उड़ना होता है जरूरी।