छाया मत छूना
छाया मत छूना
मेरा मन
मत जगाना बीती याद
आकुलित करती याद
छाया जो तुमने छुआ
मेरा भूत
वेदना तृष्णा मचलती
रंगना मत मेरा तन मन
छाया जो तुमने स्पर्श
मेरा किया
मन में हलचल मचाती
रूह में रोमांच जगाती
छाया जो तुमने प्रणय
मेरा किया
रग रग सिहरन खिली
मस्त मस्ती सी खेली