मुझे वो आज़माना चाहता है
मुझे वह आजमाना चाहता है
न जाने क्या बताना चाहता है
उसे अच्छे नहीं लगते उजाले
चिरागों को बुझाना चाहता है
जिसे खामोश रहना चाहिए था
वो आवाज़े उठाना चाहता है
मैं तुमसे दूर तो हो जाऊं लेकिन
ये दिल तअल्लुक निभाना चाहता है
शिकारी ताक में बैठा हुआ है
परिंदा आबो दाना चाहता है
बुलाकर नूर से वह सारे शिकवे
गले फिर से लगाना चाहता है।
नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश