छाजन
छाजन टपकता था
बारिशों में
रात भर
टप टप टप
उनींदी आंखों में
नींद की कड़वाहट लिए
कभी भरी बाल्टियाँ उलिंचती
और कभी
सोए बच्चों को थपकतीं
बारिशें….
किसानों की दोस्त भी हैं
और दुश्मन भी
छाजन टपकता था
बारिशों में
रात भर
टप टप टप
उनींदी आंखों में
नींद की कड़वाहट लिए
कभी भरी बाल्टियाँ उलिंचती
और कभी
सोए बच्चों को थपकतीं
बारिशें….
किसानों की दोस्त भी हैं
और दुश्मन भी