Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2022 · 1 min read

*चौदह अगस्त 【गीतिका】*

चौदह अगस्त 【गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
चौदह अगस्त को मंथन से निकला सिर्फ हलाहल था
अब इसमें संशय कैसा जो हुआ सरासर वह छल था
(2)
आजादी तो मिली छद्म थी ,पर बँटवारा था असली
जान बचाते बदहवास-जन गीला मॉं का ऑंचल था
(3)
हमें अल्पसंख्यक कब माना कहाँ मिला था संरक्षण
वही पुराना ढर्रा अब भी है सब कुछ जो भी कल था
(4)
भागा आया जैसे-तैसे जिस ने जान बचाई थी
पिसा-मरा बर्बाद हो गया बँटवारे से दुर्बल था
(5)
जिनके पुरखे बँटवारे के समय भाग कर आए थे
करते-करते याद अभी भी उनकी आँखों में जल था
(6)
खाली हाथ रहे शरणार्थी-जैसे जो जन दशकों तक
कैसे मानूँ उस क्षण में उनका भविष्य कुछ उज्ज्वल था
(7)
बँटवारे के समय अभागों का दुर्भाग्य नहीं पूछो
सदियों के जैसे पहाड़ का लंबा वह हर क्षण-पल था
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
सत्य कुमार प्रेमी
True is dark
True is dark
Neeraj Agarwal
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
" मुरादें पूरी "
DrLakshman Jha Parimal
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
Anamika Tiwari 'annpurna '
3537.💐 *पूर्णिका* 💐
3537.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
इतने दिनों के बाद
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
गाँव इतना छोटा है
गाँव इतना छोटा है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
"साहित्य ने"
Dr. Kishan tandon kranti
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
Nazir Nazar
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
जब -जब धड़कन को मिली,
जब -जब धड़कन को मिली,
sushil sarna
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
तुझे पाने की तलाश में...!
तुझे पाने की तलाश में...!
singh kunwar sarvendra vikram
जवाला
जवाला
भरत कुमार सोलंकी
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
Monika Arora
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
VINOD CHAUHAN
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
Loading...