चूहा और बिल्ली
बिल्ली बोली नन्हें चूहे से,
मैंने तुझको पकड़ लिया है।
खाऊँगी तुझे बड़े मजे से,
पंजों में अब जकड़ लिया है।
चूहा बोला – बिल्ली मौसी,
एक नहीं मैं, हम हैं दो।
अपनी बहन को संग लाऊँगा,
लाकर तुमको खिलवाऊँगा।
मुझको अभी तुम जाने दो,
जाकर वापस फिर आऊँगा।
बिल्ली लालच में जो आयी,
चूहे ने फिर दौड़ लगायी।
बिल में जाकर छिप गया चूहा,
हाथ मले, बिल्ली पछतायी।
रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद.
सर्वाधिकार, सुरक्षित ( रचनाकार )
ता० :- २१.०७.२०२०.
मो० :- ०८२७३३४२६६६.