चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
बच्चों के मन भायी चिड़िया
चंदा मामा के घर पहुँची
खेल खिलौने लायी चिड़िया
कक्षा में बोली पढ़ लो तुम
सद्ज्ञानी सूरज बन लो तुम
मैं लायी सुंदर-सी गुड़िया
चू-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
तुम भविष्य हो नव भारत के
शुभ सु देवता परमारथ के
गुरु जी की मुस्काई छड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
नायक तुम सम्पूर्ण लोक के
ज्ञान -प्रेम बनकर अशोक से
सजग दीप्ति सुखदायी बढिया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
तुम सुभाष, तुम ही गाँधी हो
देश-प्रेम की तुम आँधी हो
छुआछूत की तोड़ो हड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
कह बृजेश तुम हिंद-भाल हो
दिव्य प्रेम की अमर चाल हो
जागो! तज आलस की पड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
…………………………..
●जागा हिंदुस्तान चाहिए काव्य संग्रह की रचना।
● उक्त रचना को “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण अनुसार परिष्कृत कर दिया गया है।
● “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।
Pt Brijesh Nayak
(बृजेश कुमार नायक )
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता