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14 May 2023 · 1 min read

*चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो*

चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो
*******************************

चुपके-चुपके खोई प्रोफाइल देखती हो,
बिना तुम्हारे कैसी स्माइल देखती हो।

कुछ भी न रहा दिल मे हमारे आप बिन,
छोड़ कर दिल तोड़ मिसाइल देखती हो।

बिखेर दिया रंग ए रंज तुमने इस कदर,
उखड़ी उखड़ी मन की टाइल देखती हो।

राज क्या दिलदार ने छुपाया है आप से,
चोरी चोरी से क्यों मोबाइल देखती हो।

गम ए जुदाई में बेशक बिखरा मनसीरत,
रोज-रोज बदला सा स्टाइल देखती हो।
*******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
178 Views
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