चुनौती
गीत
है चुनौती हर कदम पर ,
राह चलना है कठिन !!
रोज रचते योजनाएं ,
कब हुई पूरी भला !
आज को कल पर न टाला ,
आज ने हमको छला !!
कर्म जो हमने किये हैं ,
तुरत फलना है कठिन !!
समय की गति को पकड़ना ,
बात बस की है नहीं !
हर्ष की छाया मिली जब ,
वेदना टसकी कहीं !
लड़खड़ा कर गिर पड़ें तो ,
फिर सँभलना है कठिन !!
सोचते अपने भले की ,
ख्वाब अपने हैं बड़े !
दीन – दुनिया , देश के हित ,
भी चुनौती ले खड़े !
वक्त ने जो तय किया है ,
वह बदलना है कठिन !!
तय करें आधार अपने ,
फिर चुनें हम राह को !
औ जगायें कर जतन हम ,
उस दबे उत्साह को !
भेंट काँटों की मिली हो ,
तब सँभलना है कठिन !!
स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )