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10 May 2023 · 1 min read

चुनावी मौसमों में…

गरीबों को लुभाना चाहते हैं
तभी घर उनके खाना चाहते हैं

चुनावी मौसमों में नम्र होकर
ये झूठे सर झुकाना चाहते हैं

ये चलते गाड़ियों के झुंड लेकर
न जाने क्या दिखाना चाहते हैं

गगन को चूमते लेकिन ये नेता
हमें नीचे गिराना चाहते हैं

ये रुपये लाख के सपने दिखाकर
हमें उल्लू बनाना चाहते हैं

वतन के ही ये खेवनहार होकर
वतन को ही डुबाना चाहते हैं

हमें ‘आकाश’ देकर चंद सिक्के
कुबेरों सा खज़ाना चाहते हैं

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 09/05/2023

1 Like · 130 Views
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