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2 Jun 2024 · 1 min read

“चीख उठते पहाड़”

“चीख उठते पहाड़”
बारूद की बू से आज
चीख उठते हैं पहाड़,
काँप उठती रूहें उसकी
डरते हैं झाड़-झंखाड़।
प्रकृति के आरम्भ से ही
पहाड़ था मानव का साथी,
कुत्ता घोड़ा बैल सहित
साथ रहता था कभी हाथी।

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