“चिता”
“चिता”
जन्मे तो चिराग जला
मरे तो जली चिताएँ,
जीते जी ये दिल जला
दुनिया ने बहुत सताए।
क्यूँ याद आती है अब भी
वो भुला हुआ फ़साना
रह-रह के जली है यहाँ
हर अरमान की चिताएँ।
“चिता”
जन्मे तो चिराग जला
मरे तो जली चिताएँ,
जीते जी ये दिल जला
दुनिया ने बहुत सताए।
क्यूँ याद आती है अब भी
वो भुला हुआ फ़साना
रह-रह के जली है यहाँ
हर अरमान की चिताएँ।