चिढ़ है उन्हें
चढ़ती हुई जवानियों से
चिढ़ है उन्हें
प्यार की कहानियों से
चिढ़ है उन्हें…
(१)
समय की शिला पर
हमारे पैरों से
बनती हुई निशानियों से
चिढ़ है उन्हें…
(२)
सहरा बनके रह गई
जिनकी ज़िंदगी
दरिया की रवानियों से
चिढ़ है उन्हें…
(३)
कुर्बान जिसपे आज
सारी चालाकियां
ऐसी नादानियों से
चिढ़ है उन्हें…
(४)
जिससे पनाह मांगतीं
खोखली शोहरतें
सच्ची गुमनामियों से
चिढ़ है उन्हें…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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