चाहता है जो
चाहता है जो वो करता क्यों नहीं
जो कर रहा वो भी करता क्यों नहीं
करता है जो वो तू करता क्यों नहीं
सोचा है कभी जो हो रहा है अभी
ये जो रहा है वो सोचा था कभी
दिल पे हाथ रख बोल दे सभी
जो भी है भरा वो खोल दे कहीं
समझता क्यों नहीं सोचता है क्या
जो हुआ सो हुआ आगे बढ़ अभी
सफर अभी यहां रुका है नहीं
कदम अभी तेरे थमे तो है नहीं
आवाज सुन अभी जो दिल में तेरे थी
सुन जरा सुन धुन बना कोई
गीत कोई गा मुस्कुरा अभी
प्यार दे लूटा गम को भूल जा
चल रहे कदम जैसे संग जिन्दगी
चाहता है जो वो करता क्यों नहीं
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)