चांद के संग
हर रात
चांद के संग
एक सपनों सी सुंदर
कहानी लिखूं
सुरमई मधुरता की तर्ज पर
जिन्दगी एक सुहानी रचूं
पलकों की चिलमन से
लटक जाऊं और
चांदनी की रोशनी सी
झिलमिलाती
एक चुनर पर सुनहरी गोटे के सितारे टांकू
तक तक तकूं
बिना पलक झपकाये
मन के धागे मैं
उसके मन से जोड़कर
प्यार की कोई निशानी बुनू।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001