चाँद ने कहा
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
तुम जनम भर निभाओगी वादा करो।
चाहे कोई भी हो मेरी मजबूरियाँ,
साथ छोड़ोगी ना तुम ये वादा करो।
चाँद ने एक दिन…………………।
धूप हो, छाँव हो या गली -गाँव हो,
दुःख के दलदल में मेरे धँसे पाँव हों,
दुःख में,सुख में रहूँ मैं तुम्हारा सनम,
साथ दोगे हमेशा, ये वादा करो।
चाँद ने एक दिन………………..।
चाँदनी ने कहा प्यार से,चाँद से
तुम रखोगे जहाँ भी मुझे प्यार से,
मैं रहूँगी तुम्हारे गले हार -से,
तुम मुझे दिल से यूँ ही दुलारा करो।
चाँद ने एक दिन………………..।
चाँदनी हूँ, करूँगी मैं रोशन जहाँ!
तेरे घर के उजाले की क्या बात है,
देखती ही रहूँगी तुम्हें मैं सदा,
प्यार से बस,मुझे तुम पुकारा करो।
चाँद ने एक दिन…………………।
–कुमार अविनाश केसर
मुजफ्फरपुर, बिहार