चाँद और जुगनू
आसमाँ की चाह में
मैंने चाँद को बदलते देखा है
चाँद के चमक में
मैंने जुगनू को ठिठुलते देखा है
शहर की चांदनी में
चाकोरों के घर को मैंने पिघलते देखा
चाँद की तलाश में
जुगनू को अमावस में मैंने निकलते देखा है