चलो चाय पर मिलते हैं
चलो चाय पर मिलते हैं
जब भी ज़िन्दगी में ताज़गी की ज़रूरत महसूस करते हैं ,
सभी दोस्त मिलकर कहते हैं ,
चलो चाय पर मिलते हैं ।
हर बात पर हम हँसते हैं ,
यादों के तार जुड़ते हैं ,
जब भी हम चाय पर मिलते हैं ।
दिल के बंद दरवाज़े पल में खुलते हैं ,
हर चुस्की से अनगिनत समाचार निकलते हैं ,
जब भी हम चाय पर मिलते हैं ।
चाय की महक में सब कुछ भूलते हैं ,
ले प्याला हाथ में मस्ती में झूमते है ,
जब भी हम चाय पर मिलते हैं ।
व्यस्तता से कुछ पल निकालते हैं ,
आओ बहारों को फिर बुलाते हैं ,
चलो दोस्तों चाय की चुस्कियाँ लगाते हैं ।
चाय सी गरमाहट रिश्तों में बनी रहे ,
शामें इक दूजे के संग गुजरती रहें ,
मिलने की चाह दिल में पलती रहे ।
चाय पर मिलने के सिलसिले यूँ ही चलते रहें ,
एक दूसरे की ख़ुशी का कारण हम बनते रहें ,
प्याले हमारे प्रेम से सदैव भरे रहें ।
प्याले हमारे प्रेम से सदैव भरे रहें ।
इंदु नांदल विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित