Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#8 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
279 Followers
Follow
Report this post
19 Jan 2024 · 1 min read
“चलना”
“चलना”
पाँवों से साधारण लोग चलते हैं,
जबकि दिमाग से बुद्धिमान लोग।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
6 Likes
·
6 Comments
· 175 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
"खाली हाथ"
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4251.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
मन
मनोज कर्ण
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
Kuldeep mishra (KD)
प्रभु -कृपा
Dr. Upasana Pandey
अध्यापिका
Shashi Mahajan
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
कुछ
Shweta Soni
हो जाएँ नसीब बाहें
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
" रास्ता उजालों का "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सावन
Bodhisatva kastooriya
ज़िंदगी हो
Dr fauzia Naseem shad
"त्याग की देवी-कोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
"हम बड़ा तो हम बड़ा"
Ajit Kumar "Karn"
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
Keshav kishor Kumar
कोई चाहे कितना भी सुंदर क्यों न हो,
पूर्वार्थ
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
Manisha Manjari
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
Loading...