“चक्रव्यूह”
“चक्रव्यूह”
अभिमन्यु और मुझमें
बुनियादी फर्क है,
वो राजपुत्र मैं साधारण व्यक्ति
ये नहीं तुच्छ तर्क है।
सामना करना पड़ा
उस अभिमन्यु को
चक्रव्यूह का सिर्फ एक बार,
मगर मेरे सामने है
चक्रव्यूह का पूरा संसार।
“चक्रव्यूह”
अभिमन्यु और मुझमें
बुनियादी फर्क है,
वो राजपुत्र मैं साधारण व्यक्ति
ये नहीं तुच्छ तर्क है।
सामना करना पड़ा
उस अभिमन्यु को
चक्रव्यूह का सिर्फ एक बार,
मगर मेरे सामने है
चक्रव्यूह का पूरा संसार।