चकाचौंध भरी दुनिया कुछ भी नहीं है !
चकाचौंध भरी दुनिया कुछ भी नहीं है !
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
ये दुनिया जितनी जगमग दिखती ,
वास्तव में वैसी कभी होती नहीं !
दूर से ये जितनी आकर्षित करती ,
पर नजदीक से ये वैसी दिखती नहीं !!
हजारों लोग हैं प्रलोभन देने वाले ,
कितने सारे यहाॅं मन भटकाने वाले ,
किसी काम पर से ध्यान हटाने वाले ,
पर कोई नहीं होते हाथ बॅंटाने वाले !!
लोग ग़लत रास्ते पर ले जाने हेतु ,
तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं !
चकाचौंध दुनिया का वास्ता देकर ,
सही राह से विचलित कर जाते हैं !!
चकाचौंध भरी दुनिया कुछ भी नहीं है ,
जब हम चकाचौंध की ओर जाते हैं !
जाकर वहाॅं पर कुछ भी नहीं पाते ,
खाली हाथ लौटकर हम चले आते हैं !!
ये मन ही है जो काफी चंचल है रहता ,
कभी इधर, कभी उधर चला जाता है !
एक रास्ते पर ये संतुष्ट ही नहीं रहता ,
सदा बेहतर की तलाश में भटक जाता है !!
पर ये जीवन मेहनत का ही नाम है ,
मेहनत से ही इसकी पहिया घूमती है !
जब हम मेहनत करने से हैं बाज़ आते ,
तो तरक्की की चक्की वहीं रुक जाती है !!
जो भी प्राप्ति होती सही राहों पे ही होती ,
जिसमें मेहनत ही काफ़ी मायने रखती है !
जीवन में और कोई शार्ट-कट नहीं होती ,
जिससे बनी बात और भी बिगड़ जाती है !!
प्रलोभन में लोगों का बस, स्वार्थ छुपा रहता ,
औरों को वास्तविकता नहीं वे कभी बताते हैं !
कितने सारे अच्छे भले मासूम लोगों को वे ,
बहला-फुसलाकर गलत रास्ते पर ले जाते हैं !!
आप कभी भी ऐसे बहकावे में ना आवें ,
जीवन में अपने कर्तव्य सतत् करते जाएं ,
मन-मस्तिष्क को अपने काम पे ही लगाएं ,
कभी किसी मोड़ पे तनिक भी ना घबराएं ,
सारे चकाचौंध से अलग एकाग्रचित्त हो जाएं !
और सफलता के मीठे स्वाद चखकर मुस्कुराएं !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 20-08-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????