Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

घन की धमक

जेठ की उतरन में
रात के तीसरे पहर से
दूसरे दिन सूर्यास्त तक
चलती घन की धमक
तेज साँसों का हुँकारा
देवदूत की मानिन्द
चमकता श्यामू का चेहरा
सैकड़ों घोड़ों की ताकत से
घन उठ-उठ कर
रक्त-तप्त लोहे पर गिरता,
पसीने की बूँदें
पड़-पड़ कर लोहा पकता।

तब सम्भव ही न था
बिन श्यामू के कोई लोहा
और बिना लोहा के अन्न,
मगर अब हो चुका है
वो इतिहास में दफन।

प्रकाशित काव्य-कृति : ‘उड़ रहा गॉंव’ में
संकलित “घन की धमक”
शीर्षक रचना की चन्द पंक्तियाँ।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
टैलेंट आइकॉन 2022-23

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 179 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
Priya princess panwar
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
दे दो
दे दो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वीर गाथा है वीरों की ✍️
वीर गाथा है वीरों की ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आदिवासी और दलित अस्मिता का मौलिक फर्क / मुसाफिर बैठा
आदिवासी और दलित अस्मिता का मौलिक फर्क / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
संघर्ष
संघर्ष
विजय कुमार अग्रवाल
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
कविता -आओ संकल्प करें
कविता -आओ संकल्प करें
पूनम दीक्षित
होता ओझल जा रहा, देखा हुआ अतीत (कुंडलिया)
होता ओझल जा रहा, देखा हुआ अतीत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कल
कल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
बेरहम दिल
बेरहम दिल
Dr.sima
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
जय जवान जय किसान
जय जवान जय किसान
Khajan Singh Nain
3494.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3494.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
कुछ तो नहीं था
कुछ तो नहीं था
Kaviraag
हुनर
हुनर
Shutisha Rajput
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
Shaily
"वो अकेली घड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
शब्दों की मशाल
शब्दों की मशाल
Dr. Rajeev Jain
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
सुल्तानगंज की अछि ? जाह्न्नु गिरी व जहांगीरा?
सुल्तानगंज की अछि ? जाह्न्नु गिरी व जहांगीरा?
श्रीहर्ष आचार्य
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Santosh kumar Miri
डर डर जीना बंद परिंदे..!
डर डर जीना बंद परिंदे..!
पंकज परिंदा
Loading...