“घनी अन्धेरी रातों में”
“घनी अन्धेरी रातों में”
निराशा की बदली छाये
या हो आँखों में बरसात,
घनी अन्धेरी रातों में
एक दीया सा जलता हूँ।
“घनी अन्धेरी रातों में”
निराशा की बदली छाये
या हो आँखों में बरसात,
घनी अन्धेरी रातों में
एक दीया सा जलता हूँ।