Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

हटता नहीं है।

घना सा है कुहरा, जो छँटता नहीं है
वक़्त भी है ऐसा, जो कटता नहीं है।

ख़ुशी के तराने भी खेलते हैं गोद में पर
दर्द है कुछ ऐसा कि ये बँटता ही नहीं है।

कितने पन्ने फाड़े मैंने, इसमें यूँ ही पर
ऐसा भी नहीं है कि मैं लिखता नहीं हूं।

सोचता, कहता, लिखता बहुत हूँ पर
ऐसा भी नहीं कि मैं थकता नहीं हूं ।

मंज़िल की ओर तो निकल आया पर
ऐसा नहीं अभि भटकता ही नहीं हूं।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

15 Likes · 1 Comment · 154 Views

You may also like these posts

तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी का महत्व
Sudhir srivastava
रिश्तों में दोस्त बनें
रिश्तों में दोस्त बनें
Sonam Puneet Dubey
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
मुक्तक 3
मुक्तक 3
SURYA PRAKASH SHARMA
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4667.*पूर्णिका*
4667.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
तुम कितने प्यारे हो
तुम कितने प्यारे हो
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ भी भूलती नहीं मैं,
कुछ भी भूलती नहीं मैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हर किसी में निकाल दें खामी
हर किसी में निकाल दें खामी
Dr fauzia Naseem shad
करवाचौथ
करवाचौथ
Satish Srijan
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* सहारा चाहिए *
* सहारा चाहिए *
surenderpal vaidya
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
Sushma Singh
वो सफ़र भी अधूरा रहा, मोहब्बत का सफ़र,
वो सफ़र भी अधूरा रहा, मोहब्बत का सफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम के मनचले स्वर
प्रेम के मनचले स्वर
aestheticwednessday
कविता : चंद्रिका
कविता : चंद्रिका
Sushila joshi
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
യാത്രാമൊഴി.
യാത്രാമൊഴി.
Heera S
कभी दिखाएँ आँख
कभी दिखाएँ आँख
RAMESH SHARMA
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"विकसित भारत" देखना हो, तो 2047 तक डटे रहो बस। काल के कपाल प
*प्रणय*
Deceased grandmother
Deceased grandmother
Tharthing zimik
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
Loading...