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2 Jul 2021 · 1 min read

***घड़ी***

“घड़ी”?

देखो, ये है एक घड़ी मतवाली;
समय की सदा करती रखवाली।

कभी रहती ये हाथों में बंधी पड़ी,
तो कभी, यों ही टेबल पर खड़ी।

कभी टंगी रहती, किसी दीवाल पर;
तो कभी दिखती सबके मोबाइल पर।

कभी टिक-टिक कर हमे टाइम बताती,
तो कभी शांति से सबको समय दिखाती।

हर घड़ी, हर समय; हर वक्त का सदा रखती हिसाब,
घड़ी को देख ही हम स्कूल जाते, और पढ़ते किताब।

……… ✍️प्रांजल
………….कटिहार।

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