घटना से आहत है मानवता
सौ निहंगों ने मिलकर मारा, एक अकेला लखबीर
नृशंस और बर्बरता की, शर्मशार तस्वीर
ये कैसीं कट्टरता है,कैसीं धर्मांन्धता?
क्या आपका ऐंसा कृत्य? गुरु ग्रंथ साहिब की आत्मा को चोट नहीं पहुंचाता?
घटना से आहत है मानवता,आहत है जन जन
ईश्वर सद्बुद्धि दे, पश्चाताप करे आपका मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी