इस शहर में
लौट आया हूं मैं अपने शहर में
बहुत कुछ बदल गया है इस शहर में
जाने-पहचाने थे पहले सब यहां
अब सब अनजाने से रहते है इस शहर में।
ताज़ी हवाऐं चलती थी यहां पहले कभी
अब कड़वी हवाऐं चलती है इस शहर में।
रौनक से भरा था यह शहर कभी
अब सन्नाटा पसरता है इस शहर में।
याद आए ऐसा कुछ नहीं बचा अब यहां
सब कुछ बदल गया है इस शहर में।
– श्रीयांश गुप्ता