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26 May 2024 · 1 min read

ग्रहस्थी

हर बार तुम्ही से पूछू क्या करना है?
यह प्यार है फकत नही ये डरना है!!
पूछो साडी मुझ पर कैसी लग रही?
कहता हू’अच्छी!’ मुझे क्या मरना है?
यही गृहस्थी चलाने के गुरुमंत्र सही,
एक हाथ बजे ताली तो क्या करना है?
ऊची आवाज़ न हो यह मेरा गुण है!
तुम्हारी हो जाए भी तो क्या लडना है?
हर घर की बस यही कहानी रानी है!
शर्म हया गई भाड-चूल्हे क्या डरना है?

बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,फेस-2,सिकंदरा,आगरा-2822007
मो,:9412443093

Language: Hindi
1 Like · 98 Views
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