गौ संरक्षण जरूरी
कई लोग तो कूकुर पालें,
कुछ जन पाले गैया।
कुत्ता केवल भौ भौ करता,
दूध देत गौमैया।
सागर मंथन से हुआ उद्भव
कामधेनु है नाम।
जिनका ढूध पिया इन सबने,
राम कृष्ण बलराम।
कान्हाजी का बचपन बीता,
बृज में गाय चराते।
यशुदा के हाथों से माधव,
नैनु छांछ पय पाते।
गौ का गोबर है अति पावन,
जिनसे बनती गौरी।
गौगोबर से होत लिपाई,
जिस कमरे में सौरी।
वैज्ञानिक भी हैं बतलाते,
धेनु का उपयोग।
गाय मूत्र है दूर भगाता,
कैंसर जैसा रोग।
दूध गाय का अमृत जानो,
शाम सुबह करो पान।
शक्ति बढ़े तन रहे निरोगी,
मस्तिष्क हो बलवान।
खुद न पालो भले लेकिन,
गौ संरक्षण है जरूरी।
गौपालकों का बनो सहारा,
न करो उनसे दूरी।
गाय पसारे अच्छी ऊर्जा,
गाय का हो सम्मान।
मिल संवर्धन करो धेनु का,
सिख हिन्दू मुसलमान।
सतीश शर्मा ‘सृजन’