गौमाता (जगत जननी माता)
सम्पूर्ण ब्रम्हांड की जगत जननी है गौमाता
सबका उद्धार करने वाली माता है गौमाता
सेवा मात्र से ही हर लेती है सारे कष्ट-पापो को
खुशहाली से परिपूर्ण कर देती घर के आंगन को
गौमाता का रोम रोम ही महर्षियों का ठिकाना है
तो गौमाता की पूंछ अनन्त नाग का ठिकाना है
गौमाता के खुरों में ही सारे पर्वत समाहित है
तो गौमूत्र में गंगा जैसी पवित्र नदियां समाहित है
जिसके आगे भी सभी देवता शीश नवाते
जिसकी सेवा करने से भव सागर तर जाते
गौमाता के जीवन में संकट गहरा अब आया है
रो रो कर मात पुकारे कैसा कलयुग अब आया है
नीच दुष्ट प्रवत्ति वाले लोग माता को आज लजा रहे
आरा मशीन से कटने हेतु बड़े-2 कैटनरो में भेज रहे
अगर इस दुष्ट प्रवत्ति पर अंकुश न लगाया जाएगा
दूर नही किंचित वो दिन जब विनाश यहाँ आ जाएगा
धर्म की रक्षा हेतु अब आत्म-समर्पित होना ही होगा
दुष्टो के संहार करने हेतु शस्त्रो का संधान करना ही होगा
गौमाता की रक्षा हेतु लोकतंत्र में ऐसा प्रबंध हो
हो हत्यारे को फाँसी जब फ़िर गौ हत्याए बंद हो
निशान्त गुप्ता
नगर(भरतपुर)