Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2022 · 1 min read

गैर

तूने गैर बसाकर आँखों में
ज़हर घोल दी मेरी सांसों में
अब कैसे जीऊंगा मैं तन्हा तन्हा रातों में

फूलों की तमन्ना में उलझ गया हूँ काँटों में
अब कैसे जीऊंगा मैं तन्हा तन्हा रातों में

काश मैं तुझ पे ऐतबार न करता
हद से ज्यादा प्यार न करता
क्यों आया दिल तेरी बातों में
अब कैसे जीऊंगा मैं तन्हा तन्हा रातों में

कमी क्या थी मेरे प्यार में दिलबर
जो जख्म दिया तूने मेरे दिल पर
सर से पांव तक भीग गया हूँ मैं
गम की इस बरसातों में

अब कैसे जिऊंगा मैं तन्हा तन्हा रातों में.

259 Views
Books from Rajiv Vishal (Rohtasi)
View all

You may also like these posts

हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
खर्राटे
खर्राटे
Mandar Gangal
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3340.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
नारी
नारी
goutam shaw
जब कभी मैं मकान से निकला
जब कभी मैं मकान से निकला
सुशील भारती
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
मजदूर दिवस मनाएं
मजदूर दिवस मनाएं
Krishna Manshi
वीर अभिमन्यु– कविता।
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
प्रण होते है
प्रण होते है
manjula chauhan
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अतिशय माया के चक्कर में
अतिशय माया के चक्कर में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
कातिलाना है चाहत तेरी
कातिलाना है चाहत तेरी
Shinde Poonam
भीम उड़ान
भीम उड़ान
Dr MusafiR BaithA
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
चमकता तो मैं भी चाँद की तरह,
चमकता तो मैं भी चाँद की तरह,
Bindesh kumar jha
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हे ईश्वर
हे ईश्वर
Ashwani Kumar Jaiswal
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
कवि रमेशराज
अभिलाषाएं नव जीवन की
अभिलाषाएं नव जीवन की
Shweta Soni
गुरू वाणी को ध्यान से ,
गुरू वाणी को ध्यान से ,
sushil sarna
चांद कहानी
चांद कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
ठूँठ (कविता)
ठूँठ (कविता)
Indu Singh
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...