Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

मदिरा सवैया

धारण धीर धमाल धरे धनु , धावक ध्यान ध्वजा धरते।
भारत भूमि भुवाल भजे भव, भीतर भाल भुजा भरते।।
कर्मठ कौन कमाल करें कब, कोशिश कोटि किया करते।
मौन मृणाल मथे मधुसूदन , मादक मोह मृगा मरते।।१।

मौन मथे मृदु मौज मिले , मृद मानुष माँगत माद मरे।
धर्म धरा धन-धान्य ध्वजा, ध्रुव धूसर धीमन ध्यान धरे।।
पावक पाप प्रलाप परा , पर पंच प्रथा परिहास परे।
भीतर भाव भले भरलो , भव भाग्य भली भरपूर भरे।।२।

Language: Hindi
18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक फूल खिला आगंन में
एक फूल खिला आगंन में
shabina. Naaz
राख का ढेर।
राख का ढेर।
Taj Mohammad
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
मेरी जाति 'स्वयं ' मेरा धर्म 'मस्त '
मेरी जाति 'स्वयं ' मेरा धर्म 'मस्त '
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
रूप कुदरत का
रूप कुदरत का
surenderpal vaidya
होने नहीं दूंगा साथी
होने नहीं दूंगा साथी
gurudeenverma198
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*कैसे बारिश आती (बाल कविता)*
*कैसे बारिश आती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
१.भगवान  श्री कृष्ण  अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
१.भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
Piyush Goel
हम
हम "फलाने" को
*प्रणय प्रभात*
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
पूर्वार्थ
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
DrLakshman Jha Parimal
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2517.पूर्णिका
2517.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो ख्वाब
वो ख्वाब
Mahender Singh
.
.
Amulyaa Ratan
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
"रियायत"
Dr. Kishan tandon kranti
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
The_dk_poetry
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
राम की मंत्री परिषद
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चंचल मन
चंचल मन
Dinesh Kumar Gangwar
"अल्फाज दिल के "
Yogendra Chaturwedi
Loading...