*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)
➖➖➖➖➖➖➖➖
गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है
तुम जगत् जननी, तुम्हीं से आदि स्रोत प्रकाश है
आसुरी हर शक्ति का, तुमसे पराभव सर्वदा
रक्तबीजों का हुआ, तुमसे समूल विनाश है
➖➖➖➖➖➖➖➖
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451