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18 Apr 2024 · 1 min read

“गुलशन”

“गुलशन”
चार चाँद सी लग जाती गुलशन में
इस दिवा-रात्रि के उसूल तले,
जहाँ फूल हो वहाँ होते हैं काँटे
जीवन में सुख-दुःख साथ बढ़े-पले।

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