गुरु
गुरु ही शब्द सिखाता सबको,
गुरू ही ग्यान बताने वाला
अंधकार से ग्यान ज्योति
गुरू ही स्वर सिखलाने वाला
ऊँच नीच का भेद न जाने
गुरु ही दिल से लगाने वाला
छोटा हो या बड़ा हो कोई
गुरू ही सबब बताने बाला
गुरू ही होता भाग्य विधाता
गुरु ही मार्गदिखाने वाला
कृष्णकांत गुर्जर