Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

“गुरु दक्षिणा”

“गुरु दक्षिणा”
मेरी गुरु दक्षिणा यही होगी,
तुम इतना काम कर जाओ।
जरा भूखे को भोजन दे दो,
प्यासे को पानी पिलाओ।

2 Likes · 2 Comments · 91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
3933.💐 *पूर्णिका* 💐
3933.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
तिनका तिनका सजा सजाकर,
तिनका तिनका सजा सजाकर,
AJAY AMITABH SUMAN
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
DrLakshman Jha Parimal
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
यह कलियुग है यहां हम जो भी करते हैं
यह कलियुग है यहां हम जो भी करते हैं
Sonam Puneet Dubey
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#पर्व_का_सार
#पर्व_का_सार
*प्रणय*
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
परीलोक से आई हो 🙏
परीलोक से आई हो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
पूर्वार्थ
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
VINOD CHAUHAN
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
ख़ुद हार कर भी जीत जाते हैं मुहब्बत में लोग,
ख़ुद हार कर भी जीत जाते हैं मुहब्बत में लोग,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चार मुक्तक
चार मुक्तक
Suryakant Dwivedi
"बढ़ते चलो"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
Neelofar Khan
Loading...