गुरु कौन है?
जो ज्ञान के प्रकाश से निर्भय हमें बनाता है,
वही गुरु है जो हम में ,आत्मविश्वास बढ़ाता है।
गुरु शब्द एक है ;रूप अनेक है ,
विस्तृत इस संसार का वही जनक है।
हर पल हमें मिलता, उनसे सबक है,
गर न हो गुरु तो हमारा, जीवन विफल है।।
जो मन को शीतल कर ,अहम को दूर भगाता है ,
वही गुरु है जो हम में आत्मविश्वास बढ़ाता है।
कराता हर वस्तु का बोध,
मिटा कर सारे अवरोध।
खत्म कर, सारे दोष,
भरता, मन में है जोश।।
जो छल कपट मन से दूर कर ,उदार हमें बनाता है,
वही गुरु है जो हम में आत्मविश्वास बढ़ाता है।