गुरु की महिमा – सादर आदरांजलि
शीर्षक – ” गुरु की महिमा ”
ज्ञान गुरु के बिना नहीं,
गुरु की महिमा न्यारी है ।
रोशन है उनसे जीवन ये,
बिन उनके दुनिया अंधियारी है ।।
गढ़ते फ़ौलाद, माटी से ये
अज्ञान तमस हटाते हैं ।
मन की कंदराओं में गुरु,
ज्ञान दीप जलाते हैं ।।
दिन विशेष का पर्व नहीं,
जीवन भर का नाता है ।
गुरु की महिमा गाने में तो,
जीवन कम पड़ जाता है ।।
© डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
© काज़ीकीक़लम
28/3/2 ,इक़बाल कालोनी ,इंदौर