गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।
(आज की प्रस्तुति)
बाल कविता गुब्बारा
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गुब्बारे मुझे प्यारे हैं,
रंग बिरंगे छोटे मोटे,
कुछ लम्बे कुछ पंक्षी जैसे
आसमान में तारे हैं ।
गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।
पापा मुझको आज दिला दो,
लाल रंगीले कारे है ।
उडा रहे मेरे मित्र गली में,
पकड़े गुच्छे सारे है
गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।
हवा भरी हल्के लगते है,
हम सबको अच्छे लगते हैं,
सुंदर और नियारे है
गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
Pinku1009@gmail.com