” गुजारिश “
” गुजारिश ”
ये अदाएँ, ये मुस्कुराहटें, ये निगाहें,
किसी जन्नत की तरह मजेदार हैं।
मेरी तो सिर्फ गुजारिश है ऐ वक्त,
तेरी रफ्तार से हमें कब इंकार है।
” गुजारिश ”
ये अदाएँ, ये मुस्कुराहटें, ये निगाहें,
किसी जन्नत की तरह मजेदार हैं।
मेरी तो सिर्फ गुजारिश है ऐ वक्त,
तेरी रफ्तार से हमें कब इंकार है।