Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

गुजरा ज़माना

गांव फिर से बसाने होंगे
पेड़ मिट्टी में लगाने होंगे
कोने में पड़े मूसल और सिलबट्टे
वापस आंगन में सजाने होंगे
मां जिन लड्डू और हलवा को
हमें डांट कर खिलाती थी
वही लड्डू और हलवा
हमें अपने बच्चों के लिए
बनाने होंगे।
उठो लाल अब आंखें खोलो
लोरी चंदा मामा की
फिर से बच्चों को सुनाने होंगे
पकड़म– पकड़ाई और छुपन– छुपाई
कभी ईक्कल– दुक्कल कभी रस्सी कुदाई
ये खेल सबको सिखाने होंगे
वह वक्त जब जगह कम
और लोग ज्यादा हुआ करते थे
फिर किस्से कहानी और बातें पुरानी
सुनकर एक ही खटिया पर सोया करते थे
त्याग कर बेड, वह खटिया वापस बिछानी होगी
वह जमाने लाई चने वाले
फिर से लाने होंगे।

Language: Hindi
1 Like · 89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Priya Soni Khare
View all
You may also like:
दोहा पंचक. . . . .
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*दोस्त*
*दोस्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
घमंड
घमंड
Ranjeet kumar patre
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
Diwakar Mahto
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
gurudeenverma198
दया के पावन भाव से
दया के पावन भाव से
Dr fauzia Naseem shad
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
Umender kumar
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
शेखर सिंह
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खेल जगत का सूर्य
खेल जगत का सूर्य
आकाश महेशपुरी
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ढूँढ़   रहे   शमशान  यहाँ,   मृतदेह    पड़ा    भरपूर  मुरारी
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
Ravi Prakash
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
अपने ही  में उलझती जा रही हूँ,
अपने ही में उलझती जा रही हूँ,
Davina Amar Thakral
महिमा है सतनाम की
महिमा है सतनाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
3677.💐 *पूर्णिका* 💐
3677.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ तो आखिर माँ है
माँ तो आखिर माँ है
Dr. Kishan tandon kranti
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
Loading...