Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2024 · 1 min read

गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।

गीत सुनाता हूं मरघट के,बतलाओ क्या सुन पाओगे।

जलती हुईं चिता के लपटों के उदास नर्तन को लखकर,
जीवन के निस्सार सार की कुछ कड़वी बूंदों को चखकर,
लौट इसी जग में क्यों आते भेद ये कैसे समझाओगे।
गीत सुनाता हूं ………….।

त्वरित गति से निपटाते सब संगी साथी प्यारे सारे,
एक पहर भी रुक न पाते अति व्यस्त मानव बेचारे,
अग्निदेव की शुद्ध गोद में घोर अकेले रह जाओगे।
गीत सुनाता हूं ………….।

कुछ तो हंसी ठिठोली करते कोई कोन किनारा धरकर,
कुछ ये कहते यही नियति है राख हमें भी होना जलकर,
श्मशानी वैराग्य छणिक है साथ न इसके रह पाओगे।
गीत सुनाता हूं …………।
Kumar kalhans

Language: Hindi
Tag: गीत
120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kumar Kalhans
View all

You may also like these posts

तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
श्याम सांवरा
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
क़दम-क़दम पे मुसीबत है फिर भी चलना है
क़दम-क़दम पे मुसीबत है फिर भी चलना है
पूर्वार्थ
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
हो मुखर
हो मुखर
Santosh kumar Miri
"अपन भाषा "
DrLakshman Jha Parimal
इश्क़ में वो हम पर कैसी तोहमते लगा रहा है,
इश्क़ में वो हम पर कैसी तोहमते लगा रहा है,
चेतन घणावत स.मा.
कविता (कोरोना ) (20)
कविता (कोरोना ) (20)
Mangu singh
भूख
भूख
krupa Kadam
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
singh kunwar sarvendra vikram
* मन बसेगा नहीं *
* मन बसेगा नहीं *
surenderpal vaidya
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
रथ निकला नन्द दुलारे की
रथ निकला नन्द दुलारे की
Bharti Das
अजीब बैचैनी है मुझ में………
अजीब बैचैनी है मुझ में………
shabina. Naaz
* रामलाला का दर्शन से*
* रामलाला का दर्शन से*
Ghanshyam Poddar
!! युवा !!
!! युवा !!
Akash Yadav
ज़माने ने मुझसे ज़रूर कहा है मोहब्बत करो,
ज़माने ने मुझसे ज़रूर कहा है मोहब्बत करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां जो होती है ना
मां जो होती है ना
डॉ. एकान्त नेगी
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रधान मंत्री अटल बिहारी
प्रधान मंत्री अटल बिहारी
manorath maharaj
*गांव के सुकून से शहर के शोर में आ गया हूं*
*गांव के सुकून से शहर के शोर में आ गया हूं*
शिव प्रताप लोधी
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
" फोबिया "
Dr. Kishan tandon kranti
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
ज़मीन से जुड़े कलाकार
ज़मीन से जुड़े कलाकार
Chitra Bisht
बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी
बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी
gurudeenverma198
8--🌸और फिर 🌸
8--🌸और फिर 🌸
Mahima shukla
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...