गीत – याद तुम्हारी
सोनजुही सी याद तुम्हारी
आती है जब जब
मन की बगिया एहसासों की
महक उठे तब तब
मुस्कानों की याद से काटूँ
दुख की सारी रात
सुबह होठ की लाली लेकर
जैसे करती बात
छ्म – छम करते पायल जैसी
सोनी चिड़िया सब
चंचल नैन की याद से काटूँ
दिन के सब जंजाल
थकन शाम को मिट
जाती है सोच रेशमी बाल
दूर हुआ हूँ फिर भी छूटा
मैं अलकों से कब
प्यारी बैन की याद से काटूँ
सूनेपन की राह
प्रेम राग में गाती जैसे
तेरी हर परवाह
मुझे बुलाती दूर देश से
आओ मेरे रब ..