गीत- मुझे तू छोड़ जाएगी…
मुझे तू छोड़ जाएगी सुना हरपल यही तुमसे।
बड़े अच्छे मिरे दुश्मन न छोड़ेंगे कहें मुझसे।
करूँ किसपर भरोसा मैं यही उलझन सताती है।
तन्हाई में मगर जानाँ तिरी ही याद आती है।
ये होता है तभी जानाँ जुड़े दिल जो किसी दिल से।
बड़े अच्छे मिरे दुश्मन न छोड़ेंगे कहें मुझसे।
बलाएँ लाख आ जाएँ हराना है मुझे मुश्क़िल।
हमेशा जीत की ठानी रही दिल में बसी मंज़िल।
ख़बर लहरों की दे वो हूँ बना साहिल हृदय बल से।
बड़े अच्छे मिरे दुश्मन न छोड़ेंगे कहें मुझसे।
तुम्हारा रूठना वाज़िब मगर फिर भी मुहब्बत है।
तुम्ही से मैं मेरा दिल और चाहत भी सलामत है।
हँसाया प्यार से तुमने उदासी दूर कर हल से।
बड़े अच्छे मिरे दुश्मन न छोड़ेंगे कहें मुझसे।
आर.एस. ‘प्रीतम’