गीत- जान तिरंगा है
आओ मिल-जुल कर फहराएँ शान तिरंगा है।
मेरी-तेरी, तेरी-मेरी, जान तिरंगा है।।
आजादी की खातिर ही कितनों ने घर छोड़ दिया
अपनों की खुशहाली को जग से नाता तोड़ दिया
धन्य धन्य वे लोग सभी आजादी के दीवाने
प्राण दिए हँसते हँसते हार नहीं बिल्कुल माने
ऐसे वीर जवानों की पहचान तिरंगा है-
मेरी-तेरी, तेरी-मेरी जान तिरंगा है।
कण कण में है छुपी हुई इसी तिरंगे की गाथा
इसके सन्मुख आदर से झुक झुक जाए यह माथा
इसी तिरंगे के नीचे हम सब कसम उठाते हैं
मिट जाएं इसकी खातिर फिर से यह दुहराते हैं
हर भारत वासी का यह सम्मान तिरंगा है-
मेरी-तेरी, तेरी-मेरी जान तिरंगा है।
सच है अमन चाहते हम लेकिन हैं कमजोर नहीं
अपनी रक्षा कर लेते करते केवल शोर नहीं
इस भारत की मिट्टी पर आँच नहीं अब आयेगी
इसका मान रखेंगे हम जान भले ही जायेगी
इस पर मिट मिट जाएंगे अभिमान तिरंगा है-
मेरी-तेरी, तेरी-मेरी जान तिरंगा है।
गीत- आकाश महेशपुरी